सवाल यह नही होना चाहिये कि मीसा भारती के फार्महाउस पर छापा क्यों पड़ा!! सवाल यह है कि मीसा भारती के पास फार्महाउस कैसे है! सवाल यह नही है कि 10 साल पुराने मामले में तफ्तीश अब क्यों हो रही है! सवाल यह है कि यह तफ्तीश दस साल क्यों नही हुई। सवाल यह नहीं है कि क्या तेज प्रताप और तेजस्वी के खिलाफ आयकर के छापे बदले की भावना से प्रेरित हैं। सवाल यह है कि तेज और तेजस्वी की इतनी आय कहाँ से हुई! सवाल यह नहीं होना चाहिये कि क्या लालू के खिलाफ चल रहे मामले विपक्ष के खिलाफ साजिश हैं। सवाल यह है कि क्या विपक्ष की एकता का आधार और न्यायिक प्रक्रिया परस्पर विरोधी संकल्पनाएं हैं! सवाल यह नहीं है कि महागठबंधन बना रहेगा या नहीं। सवाल यह है कि क्या अपराधी और आरोपियों को सत्ता में बने रहने का हक़ होना चाहिये। सवाल यह नहीं है कि घोटालों की जांच फासीवाद है या नहीं। सवाल यह है कि चोरी और भ्रष्टाचार के कीचड़ में सने राजनेता क्या अपने ऊपर समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का इत्र छिड़क कर पवित्र हो सकते हैं। सवाल यह नही है कि ऊपर के सारे सवालों के जवाब क्यों नहीं दिए जा रहे। सवाल यह है कि सही सवाल पूछने वालों को सवालिया निगाहों से क्यों देखा जा रहा है।
No comments:
Post a Comment