Wednesday, July 11, 2018

रुक जाइए..राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..

रुक जाइए..
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..
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माना आप प्यासे हैं , भूखे हैं ग़रीब हैं .
कभी ना जागे आपके नसीब हैं
पर किया आपने इंतज़ार साठ साल
साठ मिनिट में ना होंगे बेहाल ..
रुक जाइए..
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..
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माना आपके बच्चे हैं भूखे
आपके खेत हैं सूखे
जो किया नहीं अब तक
करेंगे वैसा विकास
अगले पाँच साल तक
ग़रीबी हटाएँगे वादा किया था दादी ने
वोही वादा युवराज से भी सुनते जाइए
रुक जाइए..
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..
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माना आपके घर नहीं है प्याज
पैसे नहीं कि खरीदें अनाज
जमाखोरों ने बनाया जंगलराज
रोते क्यूँ हैं इतना ..आदत पड़ जाएगी
अब तक तो सहा ही है आगे भी सहते जाइए
रुक जाइए..
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..
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माना रुकी पड़ी आपकी लाडली की शादी
बेटा है बेरोज़गार खाते रोटी आधी
लाएँगे आपके चेहरे पर मुस्कानश्री गाँधी
सुनाकर कहानियाँ जिसमें हैं पालक मच्छर मम्मी और दादी
अरे जब पूरा देश ही रुक चुका है
आप भी रुक जाइए
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..
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माना डेंगू मलेरिया ने ली आपकी जान
बाढ़ सूखे ने किया आपका नुकसान
आत्महत्या कर किसान पहुँचे श्मशान
पर आप ना हों परेशान
सेक्युलॅरिटी है सबका समाधान
यही बात आप समझ जाइए रुक जाइए..
राहुल जी की आवाज़ तो सुनते जाइए ..

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