एक राजा को महंगे महंगे कपड़े पहनने का बड़ा शौक था। दूर दूर से दर्ज़ी कारीगर आते और अपनी बेशकीमती कपड़े राजा को पहनाते। राजा भी सबको मुंहमांगी कीमत और इनाम दे विदा करता। एक बार दो ठगों ने राजा की इस कमजोरी का फायदा उठाने का सोचा। वो राजा के दरबार पहुंचे और उन्होंने कहा कि वो राजा के लिये सबसे अनूठा लिबास बनायेंगे। उन्होंने राजा से कहा कि उन्हें यह लिबास बनाने में पूरे एक महीने का वक़्त लगेगा। राजा ने दोनों के रुकने की व्यवस्था राजमहल में ही कर दी और उन्हें राजकीय अथिति का सम्मान दे दिया गया। दोनों ठग आराम से ऐशो आराम की ज़िंदगी काटने लगे। लेकिन जो नौकर चाकर उनके कमरे में जाते उन्हें कपड़े के नाम पर लकड़ी पर टंगी सिर्फ दो रंगीन धागे नज़र आते। जब महीना पूरा हुआ तो दोनों ठग वही लकड़ी और दो धागे लेकर राजा के दरबार पहुंचे। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे अनूठा लिबास तैयार है । यह ऐसा अनूठा लिबास है जो सिर्फ बुद्दिमान जनों को दिखाई देता है। यह देखिये महाराज कपड़े का सुंदर रंग और उसपर की गई कारिगरी। राजा को सिर्फ दो धागे दिखे पर उसने सोचा शायद वो बुद्धिमान नही है इसीलिए उसे लिबास नही दिख रहा। राजा ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उन्होंने इतनी अच्छी कारिगरी कभी देखी है। प्रधानमंत्री ने भी अपने आप को बुद्दिमान सिद्ध करने के लिये कह दिया कि वाकई वो लिबास सबसे अनूठा है। फिर क्या सारे दरबार ने हाँ में हाँ मिलाई और लिबास के तारीफ के कसीदे पढ़ने लगे। दोनों ठग ढेर सारा इनाम लेकर निकल पड़े। राजा ने एलान किया कि वो यह अनूठा वस्त्र पहन कर अपनी प्रजा के बीच जायेंगे। इस बीच प्रजा में भी यह बात फैल गई कि राजा एक ऐसा वस्त्र पहन कर प्रजा के बीच आएंगे जो सिर्फ बुद्दिमान को ही दिखाई देगा। राजा दो धागे पहन जब जब अपनी प्रजा के बीच निकला तो सब लोग लिबास को देखने और सराहने का झूठा नाटक करने लगे। पर एक बच्चे ने जब राजा को नग्न देखा तो चिल्ला पड़ा, राजा नंगा है , राजा नंगा है।
हाल में कहीं पढ़ा कि धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाने वाला उनका दोस्त खेल की दुनिया में अपना कोई मुकाम हासिल नही कर पाया। पर धोनी के उसी हेलीकॉप्टर शॉट के मुरीद सारी दुनिया में हैं। भगवान बुद्ध एक हठयोगी बन उपवास कर अपने प्राण त्याग देते अगर सुजाता की खीर और सीख उन्हें न मिली होती। इस तरह से देखें तो एक साधारण गृहिणी सुजाता ने हमें को बुद्ध दिया जो अपने शरीर की वीणा को तोड़ने को तत्पर था । वही वीणा जिससे बाद में ज्ञान का ऐसा मधुर संगीत निकला जिसने सारी मानव जाति को शांति और सन्मार्ग का संदेश दिया।
बड़ी बात और काम की बात हमेशा ज्ञानी, प्रबुद्ध तथाकथित जानकार लोग ही कहें ऐसा आवश्यक नही है। निकम्मा से निकम्मा आदमी भी बड़ी से बड़ी बात कह सकता है। जरूरी है कि बात को सुना जाये, बात कहने वाले पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। कहावत भी है कि आम खाओ पेड़ मत गिनो।
सोनू निगम ने कोई धर्म के जानकार नही हैं। ना ही उन्होंने धर्म के बारे में कुछ कहा है। मगर जो कहा है वो ज्यादा जरूरी है। हाँ उनके कहने का अंदाज़ गलत हो सकता है पर बात गलत नही कही है। बजाय इसके कि उन्होंने क्या कहा इसपर बात हो, बात यह हो रही है कि सोनू एक फ्लॉप गायक हैं, उनको राज्यसभा सीट चाहिये, वगैरह वगैरह।। ऊपर से बजने वाले भोंपू को धर्म से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। सोनू की हालत उसी बच्चे की तरह है जिसने सिर्फ वो कहा जो हर कोई कहना चाहता था। बस बच्चे ने कहा दिया कि राजा नंगा है । जिसने भी नंगे राजा को नंगा नही कहा वो या तो स्वार्थवश था या भयवश।
चाहे सुजाता के रूप में वो बुद्ध को मिले, या एक मुहल्ले के खिलाड़ी के रूप में धोनी को, सीख कहीं से भी आ सकती है। व्यक्ति , संस्था या देश की महानता एक आवाज़ों को दबाने या उनका तिरस्कार करने में नही है। आइना तोड़ देने से आपकी सूरत नही सुधर सकती। न ही संदेशवाहक को मार देने से आपका प्रतिद्वंदी पराजित होता है। ऐसा कर आप वस्तुतः अपनी ही खामियों और कमजोरियों को जगजाहिर कर रहे हैं।
कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई बनाय।
ता चढि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय॥
संत कबीर का यह दोहा अगर आपको पसंद नही है तो कम से कम यह दोहा तो जरूर पसंद होगा।
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय।
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।।
सोनू पर चर्चा न करें पर उसकी बात पर जरूर गौर करें। अन्यथा एक तो आप सबके सामने उस नंगे राजा की तरह होंगे जिसपर प्रजा मन ही मन हँसेगी और दूसरे आपके खजाने को कोई ठग ले जाएगा।
हाल में कहीं पढ़ा कि धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाने वाला उनका दोस्त खेल की दुनिया में अपना कोई मुकाम हासिल नही कर पाया। पर धोनी के उसी हेलीकॉप्टर शॉट के मुरीद सारी दुनिया में हैं। भगवान बुद्ध एक हठयोगी बन उपवास कर अपने प्राण त्याग देते अगर सुजाता की खीर और सीख उन्हें न मिली होती। इस तरह से देखें तो एक साधारण गृहिणी सुजाता ने हमें को बुद्ध दिया जो अपने शरीर की वीणा को तोड़ने को तत्पर था । वही वीणा जिससे बाद में ज्ञान का ऐसा मधुर संगीत निकला जिसने सारी मानव जाति को शांति और सन्मार्ग का संदेश दिया।
बड़ी बात और काम की बात हमेशा ज्ञानी, प्रबुद्ध तथाकथित जानकार लोग ही कहें ऐसा आवश्यक नही है। निकम्मा से निकम्मा आदमी भी बड़ी से बड़ी बात कह सकता है। जरूरी है कि बात को सुना जाये, बात कहने वाले पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। कहावत भी है कि आम खाओ पेड़ मत गिनो।
सोनू निगम ने कोई धर्म के जानकार नही हैं। ना ही उन्होंने धर्म के बारे में कुछ कहा है। मगर जो कहा है वो ज्यादा जरूरी है। हाँ उनके कहने का अंदाज़ गलत हो सकता है पर बात गलत नही कही है। बजाय इसके कि उन्होंने क्या कहा इसपर बात हो, बात यह हो रही है कि सोनू एक फ्लॉप गायक हैं, उनको राज्यसभा सीट चाहिये, वगैरह वगैरह।। ऊपर से बजने वाले भोंपू को धर्म से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। सोनू की हालत उसी बच्चे की तरह है जिसने सिर्फ वो कहा जो हर कोई कहना चाहता था। बस बच्चे ने कहा दिया कि राजा नंगा है । जिसने भी नंगे राजा को नंगा नही कहा वो या तो स्वार्थवश था या भयवश।
चाहे सुजाता के रूप में वो बुद्ध को मिले, या एक मुहल्ले के खिलाड़ी के रूप में धोनी को, सीख कहीं से भी आ सकती है। व्यक्ति , संस्था या देश की महानता एक आवाज़ों को दबाने या उनका तिरस्कार करने में नही है। आइना तोड़ देने से आपकी सूरत नही सुधर सकती। न ही संदेशवाहक को मार देने से आपका प्रतिद्वंदी पराजित होता है। ऐसा कर आप वस्तुतः अपनी ही खामियों और कमजोरियों को जगजाहिर कर रहे हैं।
कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई बनाय।
ता चढि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय॥
संत कबीर का यह दोहा अगर आपको पसंद नही है तो कम से कम यह दोहा तो जरूर पसंद होगा।
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय।
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।।
सोनू पर चर्चा न करें पर उसकी बात पर जरूर गौर करें। अन्यथा एक तो आप सबके सामने उस नंगे राजा की तरह होंगे जिसपर प्रजा मन ही मन हँसेगी और दूसरे आपके खजाने को कोई ठग ले जाएगा।
No comments:
Post a Comment