Wednesday, July 11, 2018

जब रिपब्लिक आ जायेगा।

जब रिपब्लिक आ जायेगा।

ना किसी का राज रहेगा, ना कोई दीप जलेगा,
बहुत ही कम बरसेगी बरखा, हर कँवल मुरझायेगा।
जब रिपब्लिक आ जायेगा।

न कोई वाकेगा न कोई टाकेगा,
लुट जायेगी निधि,ना फिर आपको चौबे पकायेगा।
जब रिपब्लिक आ जायेगा।

स्क्रीन पर छायेगा अँधेरा, ग्रहण लगेगा रवीश को,
बढ़ेगा इनटॉलेरेंस, फिर उठेगी उंगली इशरत के तफ्तीश को।
पिटेंगे झा और आशुतोष , लेट मी स्पीक पीरज़ादा चिल्लायेगा।
जब रिपब्लिक आ जायेगा।

नाउ बनेगा देन, टुडे यस्टरडे कहलायेगा,
आई बी अन होगा डेड, एक्स अननोन बन जायेगा।
कर लो मज़े चार दिन की चांदनी में,
अँधेरा वापस तेरे स्टूडियो में छायेगा।
जब रिपब्लिक आ जायेगा।

जब रिपब्लिक आ जायेगा ।

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