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Monday, February 28, 2022
महाशिवरात्रि 2022
आज महाशिवरात्रि है। आज शिव के शक्ति में युग्म होने का मुहूर्त है जिससे सृष्टि का निर्माण होता है। आज तांडव और लास्य के मिलन की बेला है जिससे ताल की रचना होती है। आज शौर्य और सौंदर्य की संधि का संयोग है जिससे शांत रस का निर्माण होता है। आज समस्त सुर और असुर की शक्तियों के शिव में तल्लीन होने की रात है जहां एको अहम द्वितीयो नास्ति का संदेश मिलता है। आज मानव से परे समस्त पशु पक्षियों के संरक्षक भगवान पशुपति की उपासना का दिन है। आज जीवन से परे विद्यमान शक्तियों यथा शिव गणों भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, जय, विजय और आदि के उल्लास का दिन है। आज वैराग्य और गार्हस्थ्य के सामंजस्य का दिन है। आज पुरुषार्थ और स्त्रीत्व के सुखद सामासिक संयोग का दिन है। आज शस्त्र और साज के सम्मिलित रूप में त्रिशूल में बंधे डमरू के पूजन का दिन है। आज समस्त विश्व के भगवान विश्वनाथ की उपासना का दिन है। आज काल से बड़े भगवान महाकाल की अर्चना का दिन है। आज सोम के समान पुष्टि वर्धन करने वाले भगवान सोमनाथ का दिन है। समस्त रोगों का विनाश करने वाले भगवान वैद्यनाथ आज अपने संपूर्ण रूप में विराजमान हैं। स्वभाव से सरल भगवान भोलेनाथ और कर्पूर की भांति श्वेत वर्ण भगवान गौरांग और करुणा से परिपूर्ण करुणावतार भगवान शंकर का दिन है। आज अपनी समस्त चिंताओं को शिव की तीसरी नेत्र के सामने रख उसे भस्म कर देने का दिन है। समस्त विघ्न और बाधाओं को भस्म कर उसकी भभूति कपाल पर लगा लेने का दिन है। तीनों लोकों में अपने संरक्षक भगवान शिव को तीन पत्तों वाले बेल पत्र चढ़ाने का दिन है। अत्यंत विशाल आध्यात्मिक विश्व से स्वामी भगवान आदि योगी से अपना योग करने का दिन है। आज महाशिवरात्रि है।
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