जुबां पे तो मोह माया नमक लगाए रे
कि देखे ना भाले ना जाने ना दाये रे
दिशा हारा केमोन बोका मोन टा रे।
प्यार वो है जो आपको बताता है कि मेंढकों को चुंबन देकर राजकुमार बनाया जा सकता है। प्यार आपको चांद तोड़ लाने की हिम्मत देता है तो सारी दुनिया पर छा जाने का ख्वाब दिखाता है। प्यार अभी भी तर्कसंगत नहीं होता, मानकों से दूर अपनी एक दुनिया बसाता है। परखना तो दूर, देखना तक गवारा नहीं इसको, इसीलिए तो अंधा कहलाता है। आ बैल मुझे मार भले ही बेवकूफी को दर्शाता मुहावरा हो लेकिन प्यार तो गा गा कर दूसरों पर फेंके जा रहे पत्थरों का रुख अपनी ओर मोड़ लेता है। परियों की कहानियों को सच मान झीने प्रेमपत्रों के पंख लगाकर सूरज की तरफ उड़ जाना चाहता है।
कभी चांद में अपनी प्रेयसी को ढूंढ लेता है तो कभी जलती आग में परवाना बंद कूद जाने का निर्णय ले लेता है। एक अफीम की गोली है जो दिल दिमाग जिस्म और रूह सब पर एक साथ असर करती है। अकबर के द्वारा दीवार में चुनवा दिए जाने को भी मान लेता है लेकिन डरना स्वीकार्य नहीं इसको। लाभ हानि तर्क वितर्क लोक लज्जा कायदे कानून भय जैसे शब्द इसकी शब्दावली से बाहर हैं। इसलिए प्यार अपनी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं करता, क्योंकि इंतजाम करने में दुनियादारी आ जाती है।
इसलिए प्यार नाजुक हो जाता है, गुलाब की पंखुड़ी पर पड़ी शबनम की बूंद की तरह सूरज की रोशनी पड़ने पर उसकी तरह गर्म नहीं होता, बल्कि अपनी नरमी को त्यागे बिना रूप बदल कर अनंत आसमान की तरफ कूच कर जाता है। करने पर होता नहीं और हो जाने पर कुछ और करने के लायक नहीं छोड़ता।
सब इसके बारे में सब कुछ जानते हैं लेकिन कोई कुछ नहीं जानता। यह दीवाना भी है और कमबख्त भी, गुलाबी भी है तो खून का लाल रंग भी। ठंडी पवन की शीतल बयार है तो जौहर का अग्नि कुंड भी है। कोई बताए तो समझ ना आए। मेलोडी खाओ खुद जान जाओ वाला संसार है। शायद ऐसा ही कुछ प्यार है।
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