दूसरी बात यह कि कोई भी बड़ा निर्णय किसी शुभ मुहूर्त में ही लेना चाहिए। शुभ काल में लिए गए निर्णय ही आपके जीवन को सही दिशा दे सकते हैं।
तो ऐसा है कि कल है 14 तारीख, तो उसका फैसला तुमको लेना है आज। कोई भी बड़ा कदम कल अगर लेना उठाना चाहते हो, तो आज ही निर्णय लेना होगा। लेकिन दुर्भाग्य से आज पड़ती है तेरहवीं तारीख। और तेरहवीं की महिमा किसी से छिपी थोड़ी है। बड़े बड़े बिल्डर भी अपनी इमारतों में तेरहवीं मंजिल नहीं रखते। फ्राइडे द थरटींथ से तो पूरी दुनिया थरथर कांपती है। और हमारे यहां भी तेरहवीं का मतलब तो वही हुआ कि वसीयत निकालो बुड्ढे की, किसको क्या देकर गया है।
तो ऐसे अशुभ दिन पर कोई बड़ा फैसला मत लो। चुपचाप से घर पर रहो। बजरंग दल वाले हो तभी कल बाहर निकलना वरना वो बजेगी कि सियालदह स्टेशन से बजबज लोकल की तरह भागोगे। पता ही नहीं चलेगा कि तुम्हारे हाथ का गुलाब ज्यादा लाल है या तुम्हारा पिछवाड़ा।
बाकी तुम खुद समझदार हो।
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