Saturday, December 11, 2021

न्यूज चैनल्स से कुछ शिकायतें

हमारे समाचार चैनल किसी टॉपिक को इतने डीटेल में कवर करते हैं कि आईएएस की तैयारी करवाने वाला टीचर भी न करवा पाया आजतक। अब जैसे कटरीना की शादी को ही लें। दुल्हन के कपड़े, बारात के खाने से लेकर सलाद के लिए मूली और प्याज किस दुकान से आए सब बता दिया। इतनी जानकारी दे दी कि यूपीएससी के पेपर का निबंध तक लिख डालें दर्शक। 
होना भी चाहिए आखिर एक समाचार चैनल एक अच्छे टीचर की तरह होता है। अच्छा टीचर तो वोही है जो जरूरी टॉपिक को अच्छे से पढ़ाए और जो जरूरी नहीं है उसको छोड़ दे। तो भईया ऐसा है कि यह जरूरी और गैर जरूरी हमारे समाचार चैनल से बेहतर कोई नहीं समझता। अब जैसे देखो संसद का सत्र चल रहा है ,कौन कौन से बिल पेश हुए, पास हुए तो क्या होगा, बिलकुल गैरजरूरी टॉपिक है। विषय ऐसा होना चाहिए जो छात्र आनंद से पढ़े और सुने। इसीलिए तो हमारे न्यूजचैनल पंजाब की ड्रग्स समस्या की जगह आपको पंजाब की हनीप्रीत के बारे में बताते हैं।
लेकिन मुझे कुछ शिकायत भी है। अच्छा टीचर न केवल टॉपिक पढ़ाता है, रिवाइज भी करवाता है। तुम न्यूज चैनल वाले लोग, यार पढ़ाते समय तो अच्छे से पढ़ा देते हो, रिवाइज करवाना भूल जाते। अब बताओ, राज कुंद्रा के गिरफ्तार होने पर तुमने कितना डीटेल में बताया था कि कैसे शिल्पा भाभी पछाड़ खा कर रो रही हैं, राज बाबू के ऐप का यह नाम है, उसके वेबसाइट का यह नाम है। राज भईया ने शिल्पा भाभी को क्या गिफ्ट दिया था अपने बच्चे के मुंडन पर। अब जब राज भैया बाहर आ गए तो तुम वो टॉपिक बिल्कुल भी ना बता रहे। बच्चे जानना चाहते हैं कि राज भैया अब क्या कर रहे हैं। घर पर खाली बैठे शिल्पा भाभी की रोटियां तो तोड़ ना रहे होंगे। कुछ तो नया कर रहे होंगे। दिक्कत यह है कि युवा पीढ़ी ने सारे ऐप सारे वेबसाइट खंगाल डाले, राज भैया का कोई नया काम न दिख रहा। तो उस टॉपिक को रिवाइज करने की जरूरत है।

‌कुछ टॉपिक आज आधा पढ़ा के छोड़ देते हो। जैसे तैमूर के बारे में तो सब बताया। क्या नाश्ता करता है, कब पॉटी जाता है, क्या नाश्ता करने पर पॉटी किस कलर का करता है, लेकिन उसके भाई ने कौन सा गुनाह कर दिया कि उसका नाम तक न ले रहे। आखिर वो भी तो सैफीना के घर का बच्चा है। कल को सैफीना पर शॉर्ट नोट लिखने को पूछ लिए तो बस मुंह ताकते रह जाएंगे बच्चे। कुछ सोचो उस बारे में। यह तो वोही हाल हो गया पटना के फिजिक्स टीचर का, मैकेनिक्स ही साल भर पढ़ाते थे और ऑप्टिक्स और मॉडर्न पढ़ाना ही छोड़ देते थे। 

‌और हां, अच्छे टीचर की तरह डाउट क्लियरिंग सेशन भी रखा करो बीच बीच में। डीटेल में पढ़ाने के बावजूद भी बच्चों को बहुत सारे डाउट रह ही जाते हैं। जैसे बच्चे जानना चाहते हैं कि रिया चक्रवर्ती जो काला जादू जानती थी वो उसने किससे सीखा था ? इंद्राणी मुखर्जी वाला काला जादू रिया वाले काले जादू से कैसे अलग है? अपने आशाराम बाबा की जादुई टार्च और राम रहीम की जादुई गुफा का जादू और काला जादू में क्या संबंध है। अब तुमने यह तो बता दिया कि एलियन गाय का दूध पीते हैं लेकिन बच्चों के मन में डाउट रह है कि उधर भी पेटा समर्थक वीगन सेलिब्रिटी एलियन भी हैं क्या जो विराट कोहली की तरह गाय का नहीं बल्कि सोया मिल्क पीते हैं। कम से कम कोई न कोई एक एलियन तो होगा जो अपने फिगर को मेंटेन करने के लिए टू परसेंट दूध पीता होगा। ऐसा कैसे चलेगा एलियन की न्यूज सुनाने वाली दीदी। कभी गड्ढे वाले प्रिंस से दुबारा मिलवाओ, अब तक तो काफी बड़ा हो गया होगा, शायद उसका बच्चा हो गया हो गड्ढे में गिरने लायक। उसका इंटरव्यू करो कि क्या वो अपने बाप के नक्शे कदम पर चलने को तैयार है। 
बाकी तो सब ठीक है लेकिन थोड़ा नोट्स भी मिल जाता तो कॉम्प्लेक्स टॉपिक समझना आसान हो जाता। अब आप हर न्यूज को ब्रेकिंग न्यूज, हर पत्रकार को वरिष्ठ पत्रकार और हर आतंकवादी को एरिया कमांडर और हर राजनीतिक को चाणक्य और हर चाल को मास्टरस्ट्रोक बता देते हो तो कभी कभी कन्फ्यूजन हो जाता है । हम गलती से वरिष्ठ पत्रकार की जगह वरिष्ठ चाणक्य और वरिष्ठ मास्टरस्ट्रोक लिख लेते हैं। थोड़ा शॉर्ट नोट्स भी मिल जाता तो कांसेप्ट क्लियर हो जाता।

बाकी और लिखता लेकिन अमीश देवगन सर का आर पार शो देखने का टाइम हो रहा है। एलियन की कसम, बचपन में wwe में अंडरटेकर और हल्क होगन की फाइट देखने में उतना मजा नहीं आता था जितने अमीश सर के क्लास में डिबेट देखने में आता है। पॉलिटी के सारे टॉपिक तो अमीश सर भी कवर करा देते हैं लेकिन यूपीएससी हमेशा की तरह अपनी गुंडई से बाज नहीं आता और हमेशा आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछता रहता है। 

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