देश का नक्शा सिर्फ वो नहीं है जो कागज़ पर उकेरा जाय। सबसे बढ़िया नक्शा तो पान के एक पत्ते पर उकेरा जाता है। पान का पत्ता मगही वाला हो तो मगध क्षेत्र को दिखाता है। उसमें पड़ने वाला कत्था हिमाचल के जंगलों को दिखाती है। चूना राजस्थान का प्रतिनिधित्व करता है। उसकी गुलकंद महाराष्ट्र से आती है। लौंग और इलायची केरल की पहाड़ियों से आती है। केसर कश्मीर से आती है। सुपारी तटीय ओडिशा, आंध्र का स्वाद लेकर आती है। सुगंधित जर्दा अवध क्षेत्र को इंगित करता है। पान में पड़ने वाला किमाम गुजरात से आता है। तो पान को मोड़ने की कला बनारस को दिखाती है । पान की डंठल पर लगा चूना मानो अंडमान की तरह मुख्य नक्शे से थोड़ा अलग होकर भी नक्शे का अभिन्न अंग बन जाता है। और पान को खाने के बाद तो लाली छाती है वो मेघालय और मणिपुर की किसी नवयुवती के धूप पड़ने से हुए सुर्ख रुखसार को दिखाती है।
भारत के नक्शे को पान के एक बीड़े के बेहतर मीठे अंदाज में और कोई बयां नहीं कर सकता। कागजी नक्शा या तो राजनीतिक होता है या भौतिक। लेकिन भारत के सांस्कृतिक नक्शे को पान के एक पत्ते पर ही उकेरा जा सकता है। पूरे भारत का स्वाद सबसे आसानी से आपको एक पान ही दे सकता है।
No comments:
Post a Comment