हर्फों के सबक
जान लूं कि कैसे लगती है सही नुक्ता
क्या सही हिज्जे है जिंदगी की
सीख लूं कायदे हैं सही जुबान लिखने के
और दुहरा लूं अलिफ बे ते से फिर से
थोड़ी सुधार लूं अपनी लिखावट
खरीद लूं चंद महंगे वरक
और एक अदद कीमती सी कलम
ताकि मेरी खुदकुशी के खत में
कोई कमी न रह जाए।
कि जानता हूं मैं
सब निकालेंगे गलतियां
मेरी लिखावट में
गलत हिज्जे लिखने के
मुझपर तोहमत लगाए जाएंगे
बताएंगे माहिर ए सर्फ ओ नहो
कि कितना जाहिल था मैं
जो नहीं जानता था जुबान की बुनियादी बातें
आयेंगे मेरे खत के कागज़ को सस्ता बताने वाले
उठाये जाएंगे सवाल मेरी तालीम पर
मेरी परवरिश पर
नापी जाएगी मेरी औकात
मेरे खत की स्याही से ।
कि जानता हूं मैं कि कोई भी
बताएगा नहीं कि मेरी वजह ए खुदकुशी
कोई पकड़ेगा नहीं मेरे गुनहगारों को
सब के सब गलतियां निकालेंगे
मेरे खत में,
मुझमें और मेरी खुदकुशी में।
इसलिए दुहरा लेता हूं
हर्फो के सबक
मरने से पहले
आखिरी खत लिखने से पहले।
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