इंजीनियरिंग कॉलेज में पांच तरह के लड़के होते हैं। पहले वो जिनको पता है कि चाहे वो कुछ भी कर लें, चाहे एग्जाम में टॉप मार दें, लड़की उनको भाव देने वाली नहीं है। तो निराशा में वो बाबा बन जाते हैं। जहां बाकी लड़के अलग अलग हेयरस्टाइल ट्राय करते नजर आते हैं, कोई बढ़िया हेयरकट के बाद बढ़िया सी लाल टोपी लगा के घूमता है तो कोई हैदराबाद से बाल कटवा कर आता है तो वोही बाबा लोग सर मुंडवा कर क्लास में बैठते हैं। उनको बस टोपी वालों का मजाक उड़ाना होता है पिछली बेंच पर बैठ कर। और कहते फिरते हैं कि बाबा तो सबके हैं, सिर्फ लड़की क्यों हम सबको भाव देते हैं । लेकिन दुनिया जानती है कि बाबा अपने बर्थडे पार्टी में सिर्फ लड़कों को बुलाते हैं।
दूसरे तरह के लड़के वो हैं जिनसे लड़की पटी होती है। बेचारे इस टाइप के लड़के अपनी लड़की के नखरे उठाने में ही व्यस्त रहते हैं। लड़की की हर मांग मानते मानते उसकी टोपी और धोती दोनो ढीली हो जाती है। उनके क्लास नोट्स लड़की के लिए, उनकी बर्थडे पार्टी पर निमंत्रण सिर्फ लड़की को, यहां तक कि सारे गिफ्ट भी उसी लड़की के लिए। बेचारे एक लड़की के इतने नजदीक आ जाते हैं कि अपने क्लास के बाकी लोगों से दूर होने लगते हैं , बाद में एग्जाम पास आने पर वो बाकी लोगों के पास हेल्प के लिए घूमते रहते हैं कि भैया, एग्जाम में हेल्प कर दियो, बस इ बार माफ कर दियो, लड़के हैं, गलती हो जात है। अबकी बार तुमको भी गिफ्ट देंगे, हम पर भरोसा नहीं है, ई लो हमारा लैपटॉप रख लो। बस कैसे भी करके हमको एग्जाम पास करवा देना।
तीसरे वो लड़के हैं जिन्होंने कॉलेज में नाम भी नहीं लिखाया लेकिन पड़ोस वाले कॉलेज से रोज कैंटीन में आकर बैठते हैं और लड़की को घूरते हैं। लड़की को कहते रहते हैं कि ए लड़की, ई तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड ने आज तक तुमको सिर्फ ठगा है। हम हैं तुम्हारे सच्चे आशिक। हमारी हो जाओ तुमको तुम्हारा सारा हक दिलवाएंगे। अगली बार कॉलेज का प्रेसिडेंट भी बनवा देंगे। बेचारा लड़की का ब्वॉयफ्रेंड सबसे कहता फिरता है कि कॉलेज की कैंटीन में बाहर से लड़के बाबा ने ही बुलवाए हैं, खुद तो लड़की पटा नहीं सकते तो बाहर से लड़कों को बुला कर हमारी गर्लफ्रेंड पर डोरे डलवा रहे हैं।
चौथे टाइप के लड़के वो हैं जिन्हें शायद लड़की कभी किसी एक सेमेस्टर में ब्लाइंड डेट पर ले गई थी। उसके बाद से लड़की कभी उनकी तरफ देखती नहीं। इसी गम में अब वो क्लास भी कम आते हैं। बस कभी कभी किसी फंक्शन में दिख जाते हैं लोगों से शिकायत करते कि सिस्टम ही ठीक नहीं है, सारा सिस्टम हैक कर लिया है। नहीं तो सारी लड़की तो हम पर मरती है लेकिन सिस्टम हैक हो जाने के कारण वेलेंटाइन डे के दिन दूसरे के साथ डेट पर चली जाती हैं।
और पांचवे वो लड़के हैं जो न तीन में हैं न तेरह में। बाकी लड़के उनको अपने पास फटकने नहीं देते और लड़कियां भी इनपर ध्यान नहीं देती। लड़की पटाने के लिए ना इनके पास पैसे हैं और न पढ़ने में तेज हैं कि लड़के आके कहें कि भैया यह वाला टॉपिक पढ़ा दो। बेचारे इसी उपेक्षा का शिकार होकर हारे को हरिनाम की तर्ज पर फेमिनिस्ट बन जाते हैं। लड़की को कहते हैं कि हमारे साथ आओ हम तुमको लड़ना भी सिखाएंगे । तुम लड़की हो लड़ सकती हो। तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तुमको टोंटी देकर बेवकूफ बना रहा है, हम तुमको टोंटी की जगह एक स्कूटी देंगे ।
अब लड़की कन्फ्यूज्ड हो जाती है। कभी टोपी वाले बॉयफ्रेंड पर शक करती है तो कभी कभी बाहर से आए लड़के से भी बतिया लेती है। कभी स्कूटी का लालच भी मन में आ जाता है । कभी कभी तो बाबा भी ठीक लगने लगते हैं।
अरे एडिटर भैया, बात इंजीनियरिंग कॉलेज की हो रही है तो यह फोटो यूपी इलेक्शन वाली काहे लगा दी। ई फोटो तो न्यूज चैनल वालों को भेजो जो दिन रात मुस्लिम वोट किधर जायेगा पर हल्ला मचाते रहते हैं। यहां कोई और फोटो लगाओ, चकाचक वाला।
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