बनाना शब्द हिंदी भाषा में एक क्रिया है। इससे मुख्यतया किसी प्रकिया के तहत निर्माण का बोध होता है। जैसे बच्चों के लिए खाना बनाना मां के लिए एक सुखानुभूति है। लेकिन बनाना शब्द एक विष्लिष्ट प्रकृति का शब्द है। शायद इस शब्द के अर्थ संख्या में उससे भी ज्यादा हैं जितनी बार कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को रिलांच किया है। शायद बनाना शब्द के प्रयोगों की संख्या अर्णब गोस्वामी के प्रोग्राम में आने वाले पैनलिस्टों से भी ज्यादा है।
अब बेवकूफ बनाना को ही लीजिए, जिसका भाव किसी को ठगने से है। अब किसी को ठगना तो कोई निर्माण प्रक्रिया नहीं है। अगर है भी तो ठगा भी उसे जा सकता है जो पहले से ही बेवकूफ हो। जो चालक और चतुर है उसे ठगा नहीं जा सकता। तो जो पहले से ही बेवकूफ है उसे बेवकूफ बनाना तो वही बात हुई कि प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया जाय । उम्मीदवार तो वह तब से है जब से उनका जन्म हुआ । बेवकूफ बनाने का ही सहोदर भाई है उल्लू बनाना। सोचिए कोई किसी को उल्लू कैसे बना सकता है। हम लोग तो होमो सेपियंस हैं, मानव को उल्लू बनाना तो जीव विज्ञान के सिद्धांतों का अतिक्रमण है। हां अगर उल्लू बनाने से मतलब किसी की रातों की नींद उड़ा देना है कि वह रातों को जागता फिरे, तो युवा लड़के लड़कियां तो इसका मतलब प्यार हो जाने से लगाते हैं। अब प्यार हो जाने को आप उल्लू बनाना मानने को तैयार हों तो बात अलग है।
बनाना शब्द की समस्या सिर्फ हिंदी तक सीमित है ऐसा नहीं है। अब केक बनाना और बनाना केक में सिर्फ शब्दों हेर फेर नहीं है। क्रिया से कब बनाना एक अवयव बन गया आपको पता भी नहीं चलता। अब ' बनाना केक बनाना ' पढ़ कर बताइए कि कौन से बनाना का क्या अर्थ है। केक बनाना है या बनाने से मना किया किया जा रहा है? और तो और दामाद जी ने एक बार कह दिया था कि भारत एक बनाना रिपब्लिक है, अब यह बनाना केक वाले बनाना से कितना अलग है, शोध का विषय है।
हिंदी में भी बनाना सब हमेशा निर्माण का ही द्योतक हो ऐसा भी नहीं। अब दाढ़ी बनाने का मतलब दाढ़ी के निर्माण से नहीं उसके समूल विनाश से है। मैंने दाढ़ी बना ली इसका अर्थ है कि मैंने बनी बनाई दाढ़ी को छील कर बेसिन में बहा दिया। बनाना शब्द के अर्थ से कम कन्फ्यूजन तो इस बात में है कि गोभी मंचूरियन इंडियन डिश है या चाइनीज।
कहीं कहीं तो यह शब्द वीभत्स रस के चाशनी में डूब जाता है। अब मुंह बनाना को ही लीजिए । मतलब है नखरे करना, ना नुकर करना। तो सीधा बोलो ना नखरे करना। मुंह बनाना सुन कर किसी नौसिखुए को रामा नंद सागर के धार्मिक धारावाहिक याद आ जाएं जिसमें शुद्ध स्वदेशी कंप्यूटर ग्राफिक्स से सर कटने के बाद राक्षसों का मुंह फिर से बन जाता था। या फिर डिप्रेशन की जगत माता दीपिका पादुकोण का वो इंस्टाग्राम चैलेंज याद आ जाता है जिसमें मुंह पर मेकअप पोत कर एसिड विक्टिम लुक हासिल करना था। यह सब हुआ असली मुंह बनाना, पता नहीं इसका मतलब नखरे करना क्यों है । खैर!!
बनाना शब्द आपका पीछा कभी नहीं छोड़ता। रात को चैन से बीवी से गपियाने बैठो तो पता चला कि सीरियल में कोकिलाबेन ने बहुओं को डांट दिया और सिमरन मक्खी बन गई तो श्रीमति जी का मूड खराब है। अब आप उनका मूड बनाने का भरसक प्रयास करते हो कि बीवी प्यार बनाने( अंग्रेज़ी में पढ़ें) को मान जाय। होता वही है, आप मूड बनाने की कोशिश करते है, बीवी मुंह बनाती है, दो घंटे बाद एक नेकलेस और शॉपिंग पर ले जाने का वादा करने के बाद पता चलता है कि आपको उल्लू बनाने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी चक्कर में सुबह ऑफिस लेट पहुंचो तो बॉस आपको पूरे ऑफिस के सामने आपको मुर्गा बना देता है फिर तीन गुणा काम देकर गधा भी बना देता है। सब जगह बनाना की ही महिमा है।
ऑफिस में मुर्गा बनने से आपकी इमेज खराब हो गई हो तो कोई बात नहीं। उनकी मदद लीजिए जो आपकी इमेज फिर बना देंगे। आजकल सबसे फायदेमंद बिज़नेस है इमेज बनाने का। तैमूर डायपर वाली उमर में ही सुपरस्टार बन गया। यह है इमेज बनाने का कमाल। सलमान भाई इन्हीं इमेज बनाने वालों की बदौलत टीवी पर बिग बॉस का शो होस्ट करते हैं नहीं तो सरकारी बिग बॉस वाले बंगले पर कम से कम सात सीजन बामशक्कत काटते वो भी एज ए पार्टिसिपेंट।।
नया जमाना आ गया है तो बनाना शब्द का भी अर्थ विस्तार हुआ है। पहले खबरें पढ़ी जाती थी, सुनाई जाती थी, उनकी विवेचना की जाती थी। आज कल खबरें बनाना मुख्य कार्य है। एलियन गाय का दूध पीते हैं, जन्माष्टमी का पर्व सब पहले गजनवी ने मनाया था। उसने सोमनाथ का मंदिर इसलिए तोड़ा क्योंकि वह उसकी जगह भगवान कृष्ण का मंदिर बनाना चाहता था। बाबर सेकुलर था और सरदार पटेल ने ही धारा 370 लगाई थी। यह सब खबरें बनाने का उदाहरण है।
अब आप कहोगे कि बातें बनाना तो ठीक है लेकिन मंदिर बनाना क्यों आवश्यक है? उसकी जगह एक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी शौचालय गृह बनाना क्या उचित नहीं होगा?? कैसा समाज बना रहे हैं हम? कैसा देश बना रहे हैं हम।। अरे यह सब छोड़ो , बनाना शब्द का और कितना मतलब बनाने जा रहे हैं हम।
अब कलम रोकता हूं, लॉकडाउन के बाद से खाना भी खुद से बनाना पड़ता है। आप भी जाओ खाना वाना बनाओ और खा कर सो जाओ।
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