Sunday, May 15, 2022

वो चीज ही क्या

वो वाणी की मिठास किसी काम की नहीं को कटु सत्य बोलने से रोक दे। वो रूप किसी काम का नहीं जो चरित्रहीन बना दे। वो शस्त्र कैसा जो आत्मसम्मान की रक्षा के समय म्यान में पड़ा रहे। वो शास्त्र ज्ञान किसी काम का नहीं जो कर्म से विमुख कर दे। वो सुख ही क्या जो दुख सहने की क्षमता छीन ले। वो सुस्वादु भोजन ही क्या जो स्वास्थ्यकर ना हो। वो ओहदा ही कैसा जो बचपन के मित्रों से दूर कर दे। वो धन ही क्या जो धर्म के काम न आ सके। वो नीतिपरायणता ही कैसी जो विभीषण बना दे।

No comments: