दूसरी कथा ने अनुसार , रानी कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी का विवाह अंग प्रदेश के शासक महाराज रोमपद से हुआ था। रोमपद और वर्षिणी की कोई संतान ना थी इसलिए उन्होंने रानी कौशल्या और दशरथ से उनकी पुत्री शांता को मांग लिया था। शांता को गोद लेने के बाद राजा रोमपद और रानी वर्षिणी ने उसका अच्छे से लालन पालन किया और इस प्रकार शांता अंग प्रदेश की राजकुमारी बन गई। इस कथा के अनुसार अंग प्रदेश में सूखा पड़ने के बाद हुए यज्ञ को पूर्ण कराने की दक्षिणा में रोमपद ने ऋषि ऋष्यश्रृंग का विवाह अपनी दत्तक पुत्री शांता के साथ किया था।
यह ऋषि ऋष्यश्रृंग वोही है जो आगे चलकर राजा दशरथ के यहां पुत्रेष्टि यज्ञ करते हैं जिसके फल स्वरूप राम भरत लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस प्रकार अंग प्रदेश ना केवल महाभारत में बल्कि रामायण के एक अत्यंत महत्वपूर्ण रूप में उल्लेखित है। जहां राजा दशरथ अपने पुत्रों का विवाह मिथिला में करते हैं वहीं उनकी एक मात्र पुत्री का लालन पालन और विवाह अंग क्षेत्र में होता है।
अंग प्रदेश यानि वर्तमान भागलपुर और मुंगेर पर आधारित आलेखों की श्रृंखला में यह तीसरा आलेख है।
इससे पहले के दो आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।
http://sumanblogs8.blogspot.com/2022/04/blog-post_28.html
http://sumanblogs8.blogspot.com/2022/04/blog-post_11.html
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