Saturday, October 7, 2023

मौसम और मजदूर

गर पसंद है तुम्हें बारिश, तो घर तेरा ऊंचाई पर है,
सर्दियां भाती हैं गर, तो सर तुम्हारा रजाई पर है।
लगती हैं अच्छी गर्मियां, तो हवा तेरे कमरे की तराई पर है,
हम ठहरे मजदूर, नजर हमारी मौसम पर नहीं , दो जून की कमाई पर है।