Monday, October 2, 2023

कटिहार जिले की स्वर्ण जयंती के अवसर पर

मेरे गृह जिला कटिहार का पचासवां स्थापना दिवस आज मनाया जा रहा है। 2 अक्टूबर 1973 को तत्कालीन पूर्णिया जिले के एक अनुमंडल से कटिहार एक स्वतंत्र जिला बना। 

गंगा कोशी और महानंदा जैसी प्रमुख नदियों के बीच बसा है कटिहार। जहां यह नदियां कटिहार की उपजाऊ भूमि और भरपूर पेयजल की जरूरत को पूरा करती हैं वहीं बाढ़ की समस्या भी हमारे यहां है। 

इस बात में शायद ही कोई शक हो कि कटिहार अब भी भारत और बिहार से सबसे पिछड़े जिलों में एक है। हालांकि अपने बचपन से अब तक मैने कटिहार को प्रगति करते ही देखा है। यह प्रगति विकास के हर पैमाने पर है। चाहे शिक्षा हो या सड़क या पानी, या बिजली । अस्सी के दशक के कटिहार से आज के कटिहार ने लंबी दूरी तय की है। कटिहार में आज बच्चों के लिए अच्छे स्कूल हैं, फोर लेन सड़कें हैं, चौबीस घंटे बिजली है। 

हां यह बात अलग है कि हमारी विकास दर देश के अन्य क्षेत्रों से थोड़ी कमतर रही है लेकिन हालिया वषों में यह शिकायत भी दूर होती नजर आ रही है। रेल संपर्क में कटिहार हमेशा ही मुख्य धारा से जुड़ा हुआ है। निकट भविष्य में साहिबगंज मनिहारी के बीच बन रहे फोर लेन ब्रिज और उसको जोड़ने वाली फोर लेन सड़क कटिहार को न केवल झारखंड बल्कि उत्तरपूर्व भारत तथा उत्तर भारत से जोड़ेगी। समृद्धि सड़क मार्ग से होकर आती है। इस सड़क के बन जाने के बाद समृद्धि कटिहार की ओर अपना रुख करेगी।

भागलपुर के विक्रमशिला पुल होकर जाने की जरूरत खत्म होने के बाद कटिहार साहिबगंज और मनिहारी में बन रहे मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब का उपयोग कर कटिहार के कृषक और अन्य उत्पादक अपने उत्पादों के लिए एक बृहद बाजार से जुड़ सकेंगे। 

 कटिहार क्षेत्र अपने आम, मक्का, मखाना , चूड़ा और मछली जैसे उत्पादों को पूरे देश में भेजकर अपनी आय कई गुना बढ़ाने की पूरी संभावना रखता है। अभी तक कटिहार से मुख्यता अकुशल मजदूरों का दिल्ली पंजाब और हरियाणा जैसे क्षेत्रों में पलायन होता रहता है क्योंकि कटिहार में रोजगार की संभावनाएं अभी न्यून मात्रा में ही हैं। कोरोना काल में पूरे बिहार में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर कटिहार जिले में लौटे थे। आशा है शीघ्र ही रोजगार के लिए हो रहे पलायन दर में कमी आयेगी और रोजगार के अनेक अवसर कटिहार में ही उपलब्ध होंगे।

कटिहार के विकास की कक्षा में प्रक्षेपित होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और आने वाले समय में कटिहार के तीव्र विकास की गति को कोई भी नकार नहीं सकता। विकास के लिए आवश्यक हर कारक चाहे वो मानव संसाधन हो या अन्य भौतिक साधन , कटिहार में सबकी प्रचुर मात्रा उपलब्ध है। 

अगले पच्चीस साल कटिहार के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पचास साल होने वाले हैं। आशा है इसमें कटिहार के निवासी, शासन और नीति निर्माता तीनों पूर्ण सहयोग रखेंगे और कटिहार जिले की स्थापना की हीरक जयंती के समय वर्ष 2048 में कटिहार एक विकसित जिला होगा।

अपनी स्वर्ण जयंती के अवसर पर कटिहार विकास के स्वर्ण युग में प्रवेश करे, ईश्वर से यही कामना है। सभी कटिहार वासियों को स्थापना दिवस की स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं।।