द्रुपद की बेटी के अलावा क्या
थी तुम्हारी पहचान?
श्याम वर्ण की थी इसीलिए
शायद कृष्णा कही गई,
पर यह तो तुम्हारे रंग पर
एक कटाक्ष भर ही था
इसीलिए सोचता हूं
कि तुम्हारा नाम क्या था द्रौपदी?
पांचाली नाम सिर्फ इसलिए क्योंकि
तुम पांचाल की थी
क्या बहुओं को उनके मायके के
नाम से बुलाना उस समय से ही है
तुम्हारा कुछ तो नाम तो होगा
अर्जुन , भीष्म , देवव्रत की तरह
क्या तुमने कभी अपना नाम तक जाना
या छुपाती रही जीवन भर।
कहने को सैरंध्री था एक छद्म नाम
लेकिन तुम्हारा तो हर नाम छद्म ही था
किसी नाम ने नहीं बताया
तुम्हारे बारे में
बताया सिर्फ उन बंधनों के बारे में
जिनमें तुम बंधी रही आजन्म।
तुम आई नहीं थी दुनिया में
एक स्त्री और पुरुष के
प्रेम मिलन से
बल्कि तुम उत्पन्न हुई दो पुरुषों
के अहंकार और अपमान
की जलन से
अग्नि की कोख से पली
पिता के प्रतिशोध की
आहुति से सींची गई
एक संतान से ज्यादा
एक अस्त्र थी
अपने पिता के लिए।
इसीलिए शायद एक नाम
तक ना पा सकी ।
इतिहास के पन्नों में
लिखी गई महाभारत
भले कहलाए महाकाव्य
कही जाय एक पूर्ण कथा
लेकिन अनुत्तरित रहता है
यह प्रश्न अब भी कि
तुम्हारा नाम क्या था द्रौपदी।
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