Friday, September 17, 2021

याद रखियेगा कि कोई था

सवा दो करोड़ लोग की बांह में आज तेज चुभन हुई। आधे से ज्यादा लोगों की तो चीख निकल गई। वे ना ना करते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। 2 करोड़ का मतलब समझते हैं, 130 करोड़ में सिर्फ दो करोड़। जब दो करोड़ लोग चुभन महसूस कर रहे हैं, तो बाकी का बहुसंख्यक 128 करोड़ मुस्कुरा रहा है। 

फासीवाद यही तो है। याद रखियेगा कि जब गोदी मीडिया सरकार के सामने नतमस्तक था,कोई आपको सच से रूबरू करवा रहा था। आशा है कि कम से कम आप उन दो करोड़ लोगों की चुभन पर मुस्कुरा नहीं रहे होंगे। ऐसे में इससे अश्लील और क्या हो सकता है? अगर आप फिर भी मुस्कुरा रहे हैं तो आपकी इस मुस्कुराहटों को मैं हजार लानतें भेज रहा हूं। शायद हजार लानतें कम पड़ जाएं इसलिए गिन कर दो करोड़ लानतें भेज रहा हूं। दो करोड़ लोग चुभन का अनुभव कर रहे हों और प्रधान सेवक अपना जन्मदिन मना रहे हैं। केक काटे जा रहे हैं, शायद काले दिन के लिए काला चॉकलेट केक। भारत के लोकतंत्र में आज एक काला दिन है। याद रखियेगा कि कोई था जो अपनी स्क्रीन काली करके आपको सच का उजाला दिखा रहा था।

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