Thursday, September 4, 2025

शिक्षक दिवस पर विशेष

धरती पर सबसे ज्यादा पानी किसके पास है? आप कहेंगे सागर में। क्या आप उसका पानी पी कर अपनी प्यास बुझा सकते हैं? उत्तर होगा नहीं। उसका पानी तो। खरा है और खरा पानी पी नहीं सकते। अच्छा तो आप खारा पानी नहीं पी सकते। पीने के लिए तो मीठा पानी चाहिए। कोई बात नहीं सबसे बड़ा मीठे पानी का स्रोत क्या है? बहुत सारे हैं , भादो का महीना है तो चलिए मान लेते हैं बादल और मानसून। आपको अभी प्यास लगी है , कहिए मानसून को कि आपको एक ग्लास पानी पिला दे। आप कहेंगे कि पागल हो गया है क्या? बादल आपको कहीं एक ग्लास पानी देगा। उसको बोलना भी मत, कहीं फट गया तो तुम और तुम्हारा ग्लास कहीं बह के चल जाएगा, पता भी नहीं चलेगा। मीठे पानी वाला बादल कितना मीठा होता है वो हिमाचल वालों से जाकर पूछ लो।

चलिए गणित की ही बात करते हैं। सबसे बड़े गणितज्ञ कौन हुए हैं? फ्रेडरिक गॉस, पाइथागोरस, आर्यभट ,  रामानुजम ?? तो बताइए कि आपने कितनी बार गणित सीखने के लिए रामानुजम की किताब पढ़ी है या सीधे आर्यभट के लिखे संस्कृत के ग्रंथों का अध्ययन किया है। आप कहेंगे कि आज क्या बेतुके सवाल पूछ रहा है? रामानुजम का तो मैने नाम सुना है बस, गणित तो मैने अपने मैथ्स सर से सीखा है। थोड़ा गुस्सैल थे लेकिन जो भी सीखा उन्हीं से सीखा। वैसे ये गॉस कौन था, नाम सुना सुना लग रहा है।

Exactly.... शिक्षक किसी विषय का सबसे ज्ञानी व्यक्ति नहीं होता। न ही सबसे नामी व्यक्ति होता है। जिस प्रकार भूख मिटाने के लिए मां के हाथ की दो रोटी चाहिए होती है ना कि गीदम में रखे गेहूं के बोरे। वैसे ही प्यास तो घर का छोटा सा नल ही बुझाता है , न कि मानसून और समंदर।

शिक्षक उसी मां के हाथ की बनी रोटी और घर के नल की तरह है जो आपकी भूख और प्यास बुझाता है।
शिक्षक  जीवन ज्ञान और उसके निहित दर्शन को आपके सामने सरलतम रूप में , ग्राह्य रूप में आर सुपाच्य रूप में आपके सामने प्रस्तुत करता है। यही मानव सभ्यता के विकास का आधार है। ज्ञान और जीवन अनुभवों का सतत , सुगम , सरल और सुग्राह्य रूप में प्रवाह।

सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।
 


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