Sunday, September 17, 2023

पोल खोल की पोल खोल

बारिश के दिनों में अकसर सुनता पढ़ता हूं कि तेज बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी। तब समझ नहीं आता कि यह पोल होती क्या है, कहां होती है जो बार बार खुल जाती है। 

पोल चीज ही ऐसी है कि कभी भी किसी की भी खुल सकती है। कितनी भी बार खुल सकती है। कुछ लोगों की पोल साल में एक बार खुलती है जैसे हमारी क्रिकेट टीम की icc टूर्नामेंट के फाइनल में । कुछ लोगों की पोल हमेशा खुलती रहती है। जैसे नेताओं की पोल।सत्ता में रहने वाले नेताओं की पोल अखबार वाले खोलते हैं अगर। और जब विपक्ष में रहे तो सत्ता वाले पोल खोल देते हैं। कभी पार्टी छोड़ गुस्साया नेता कर पोल खोल देता है और कभी होटल में छुपा कैमरा पोल खोल देता है। लेकिन पोल बिना बंधे कैसे खुल जाती है , यह बात भौतिकी के मूल सिद्धांतों को चुनौती देती रहती है। 

और अगर पोल खुलती है तो कोई ना कोई बांधता जरूर होगा ताकि दुबारा खुल सके। पोल बांधने वाला जरूर व्यक्ति बहुत व्यस्त रहता होगा क्योंकि हमेशा दुनिया भर में किसी न किसी की पोल खुलती ही रहती है। जो चीज इतनी खुलती है तो उसको बांधने वाला भी कोई तो होगा। जरा गौर फरमाएं तो आधी दुनिया का काम ही पोल बांधने का है।
किसी की पोल ना खुले इसके लिए बहुत मेहनत लगती है। मेकअप करने और करवाने का पूरा उद्योग ही पोल ना खुलवाने पर आधारित है। चेहरे पर पड़ रही झुर्रियां, कील मुहांसे , दाग , सांवलापन जैसी चीजें जो आपके अक्षत यौवना होने की पोल खोल सकता है , मेकअप के द्वारा ढक दिए जाते हैं। उजड़े चमन सर को अमेजन वर्षा वनों से भी सघन केश राशि से सुसज्जित दिखाने वाले विग भी पोल बांधने वाले बृहत उद्योग का ही एक हिस्सा हैं।

स्तरहीन पटकथा, बकवास अभिनय, और बेढंग नृत्य , इन सबकी पोल खोलने से रोकने के लिए VFX और कंप्यूटर ग्राफिक्स का एक फलता फूलता उद्योग है। गर्दभ राग को भी राग मल्हार बना देने के लिए साउंड मिक्सिंग का सारा प्रपंच रचा जाता है। सारी पीआर इंडस्ट्री सेलिब्रिटी के उदार होने की पोल बांधने का ही तो काम करती हैं। 

सूची अनंत है। अपने आस पास देखिए, दस लोग पोल बांधते नजर आ जायेंगे। । यहां तक कि पोल खोलने वालों की पोल खुल जाती है कि उन्होंने फलां की पोल खोली तो अलां की पोल क्यों नहीं खोली। यह अलां और फलां के बीच ही पोल खोलने वालों को पोल बंधी होती है। लेकिन जिस तरह से हार जन्म लेने वाले की मृत्यु तय है, उसी प्रकार से हर बंधी पोल का खुलना तय है। शाश्वत सत्य है।

 पोलिंग सीजन आ रहा है, पोल खुलने और बंधने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। बस नजरें जमाए रखिए और आनंद लेते रहिए। जीवन की दौड़ में पोल पोजीसन पाने का यही तरीका है।