Sunday, February 19, 2023

ख और रव का महीन अंतर

हिंदुस्तान खासकर उत्तर भारत में सूचना पट्टों और विज्ञापन के होर्डिंग्स पर अशुद्ध हिंदी देख कर मन क्षुब्ध हो जाता है। ख व्यंजन को लिखने का तरीका रव से थोड़ा अलग है। रव में जहां र और व अलग अलग होते हैं वहीं ख में र के नीचे वाली लकीर टेढ़ी होकर व के नीचे जुड़ जाती है। इसलिए रव और ख ध्वनियों के ना केवल बोलने बल्कि लिखने में भी अंतर है। अगर इस महीन अंतर का ध्यान न रखा जाय तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है।

पटना जंक्शन पर लगे हुए इस बोर्ड को ही देख लीजिए। यह दुकान बिहार का मशहूर उत्पाद मखाना और उससे बने अन्य उत्पाद बेचती है। लेकिन ख को अशुद्ध लिखने के कारण उसने अपना नाम मरवाना लिख रखा है। बिहार मखाना के लिए जहां प्रसिद्ध है और होने चाहता है लेकिन मारने और मरवाने के लिए शायद ही कोई प्रसिद्ध होना चाहे। ऐसे गलत बोर्ड पढ़ कर हिंदी के जानकार इस दुकान पर कुछ खाना नहीं चाहेंगे बल्कि डरकर वहां से रवाना हो जाएंगे।

1 comment:

Dx Tiwary said...

पारखी नजर