Saturday, May 22, 2021

वैक्सीन बनाने के लिए आम सुझाव

कोविड 19 के बीच मेरी दोपहर वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपका स्वागत है। सुबह वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैने आपको बताया था कि covid से लड़ने के लिए मैंने कितने ट्वीट किए, कितने विज्ञापन दिए ।लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि केवल ट्वीट और विज्ञापन से covid से लड़ना आसान नहीं है, इसलिए एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री के तौर पर मैं कुछ सुझाव भी दूंगा। Covid से लड़ने के लिए सबसे जरूरी है वैक्सीन। दिल्ली के हर आदमी के लिए हमें तीन करोड़ वैक्सीन चाहिए, वो भी जल्द से जल्द। हो सके तो मेरी अगली प्रेस कांफ्रेंस से पहले। इसके लिए मेरे चार सुझाव हैं केंद्र सरकार को।

पहला सुझाव : देसी वैक्सीन कोवैक्सीन का फॉर्मूला छीन कर दूसरी बाकी दूसरी कंपनी को दे दिया जाय। अगर सरकार को इसमें दिक्कत आ रही है तो मुझे कहे। मैं सतिंदर जैन को भेज कर भारत बायोटेक के दरवाजे के सामने धरना दिलवा दूंगा। देगा कैसे नहीं। उसके बाप का थोड़े है फॉर्मूला। हां उसी के बाप का है लेकिन उससे फॉर्मूला छीन कर उसको मैं अपने बाप का बना लूंगा। उसके बाद केंद्र सरकार सभी कंपनी को आदेश दे कि युद्ध स्तर पर वैक्सीन बनाना चालू करे। चौबीस घंटे में काम शुरू करे। उनको वैक्सीन बनाने के लिए जितनी जगह चाहिए, दिल्ली सरकार देगी। हमारे एमएलए ताहिर हुसैन की छत वैसे भी आजकल खाली है, राम लीला मैदान है वहां पर टेंट गाड़ कर वैक्सीन बना सकते हैं। मैंने इंटरनल सर्वे किया है कि अगर पूरे रामलीला मैदान में वैक्सीन बनाई जाय तो तीन दिन में हम पूरी दिल्ली के लिए वैक्सीन बना सकते हैं। यह सर्वे उसी कमिटी ने किया है जिसे हमको बताया था कि बुलेट ट्रेन का भाड़ा मुंबई से अहमदाबाद का पच्चतर हजार रुपए होगा।

मेरा दूसरा सुझाव : सारी विदेशी वैक्सीन को भारत में परमिशन दे दी जाय। चाहे कोई भी देश हो, सबको परमिशन दे दी जाय। जिनके पास वैक्सीन नहीं भी है उनको भी परमिशन दे दी जाय। जैसे केवल फाइजर की कंपनी को ही क्यों?  गाज़ा पट्टी वाली  कंपनी को भी परमिशन दी जाय। अरे इतने बड़े बड़े रॉकेट बना सकते हैं तो वैक्सीन भी बना ही लेंगे आज नहीं तो कल। अफगानिस्तान, घाना, क्यूबा सबकी कंपनी को परमिशन दी जाय। अगर परमिशन देने में दिक्कत है तो सरकार हमको कहे। मैं सिसोदिया को परमिशन मिनिस्ट्री में मंत्री बना दूंगा। वो और आतिशी मिल कर चौबीस घंटे में सबको परमिशन दे देंगे। 

मेरा तीसरा सुझाव : जितने भी कंपनी है उनसे केंद्र सरकार बात करे। प्रधानमंत्री खुद बात करे। अगर माननीय प्रधानमंत्री जी बात नहीं कर सकते, तो मुझे प्रधानमंत्री बना दें।वैसे भी मैं खाली ही बैठा हूं, कोई विभाग तो है नहीं मेरे पास। चौबीस घंटे के अंदर में सारी कंपनी वालों से बात कर लूंगा, और कंपनी वाले बाद में अपने बात से पलट ना जाएं इसीलिए मैं उनको बिना बताए मीटिंग लाइव टेलीकास्ट कर दूंगा। बाकी अगर कोई मीडिया  में उसपर डिबेट हुई तो राघव चड्ढा को डिबेट में भेज दूंगा। वो सब कुछ स्मूथ ली संभाल लेगा। 

मेरा चौथा सुझाव:  कुछ देश ऐसे हैं जिनके पास एक्स्ट्रा वैक्सीन है , उनसे वैक्सीन मांगने की जरूरत है। यह काम मेरा सोमनाथ भारती कर सकता है। इतने स्पैम ईमेल भेजेगा कि सब लोग चौबीस घंटे के अंदर अपनी सारी एक्स्ट्रा वैक्सीन हमको भेज देंगे। और किस देश ने कितनी वैक्सीन भेजी उसकी लिस्ट हम अपनी पार्टी की वेबसाइट पर डाल देंगे, क्योंकि ईमानदार सरकार। सिर्फ मांगने से अगर काम नहीं चले तो जितने भी विदेशी कंपनी है उनको भारत में वैक्सीन उत्पादन की छूट दी जाय। कंपनी खोलने के लिए जगह तो हम पहले ही दे चुके हैं, अगर उनको वैक्सीन कंपनी के लिए वैज्ञानिक और सीईओ चाहिए तो मैं अपने पुराने दोस्त योगेंद्र यादव से कंपनी का सीइओ बनने की दरख्वास्त करूंगा। वो सब काम कर सकते हैं, वैसे भी छब्बीस जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद यादव जी अब कुछ नया करियर ट्राय करना चाहते हैं, किसान नेता वाले करियर से स्विच करने के लिए वो बहुत बेताब हैं। 

बाकी मेरी सुझाव मैं अपनी मैटिनी शो वाले प्रेस कांफ्रेंस में दूंगा। कोई गुस्ताखी हुई हो तो माफ करिएगा। अब हम जन वैक्सीन विधेयक के ड्राफ्ट पर काम करने जा रहे हैं। सीसु, अन्ना को फोन लगाओ तो जरा। 

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