ठंढा का समय आ गया है | दुनिया को भले अच्छा लगे कि रजाई कंबल में हाथ गोड़ समेत के घुसियाए हुए हैं, असली दिक्कत हो जाता है हम विद्यार्थी सब को। ठंढा के ही टाइम में सब एग्जाम होता है तो पढ़ना लिखना भी जादे ही करना पड़ता है। भोरे भोर उठ के साइकिल चला के ट्यूशन जाने में हाथ का ओंगरी सब जम जाता है। मास्टर साहब गर्मी भर खाली गर्मी छुट्टी मनाए, अब जाके पूस माघ में बड़का सिलेबस का उनको चिंता जगता है।
खाली ट्यूशन पहुंच के काम हो जाय तो क्या बात था। वहां है माटसाब ढर्रा का ढर्रा लिखाए पड़े हैं। ई ठंढा में जेब से हाथ निकाल के कलम धरना भी मुश्किल काम है। कैसो कर के लिखना शुरू भी करिए, तो लीजिए कलम जगिए नय रहा है। लीड जम जाता है ना इसीलिए केतनो कोशिश कीजिए कलम कोपी पर जगिये नय रहा था | कल्हे खरीदे थे रोटमैक वाला नया पेन। दुकानदार कह के दिया कि ले के जाइए कलम का लीड नय जमेगा। पहले लिखो-फेंको यूज करते थे, तो उसमें में दिक्कत होता था। उसका लीड जम जाने पर उसको हाथ में खूब रगड़ना पड़ता था। केतना बार तो लालटेन के उपर पेन को बरकाते थे, तब लिखाता था।
तब कोई कहा कि लिखो-फेंको वाला ज़माना गया, रोटोमैक वाला पेन ले लो। उसमें फूंकने , गरमाने और बरकाने का झंझट नय रहता है। धकाधक चलता है। उसी के बात में आके रोटोमैक पेन खरीदे, लेकिन सब बात गलत। इसीलिए लोग कहता है कि कलम हमेशा जगा के देख लेना चाहिए , तब कीनना चाहिए। गलती से बिना जगाए ले लिए, अब लिखैये नय रहा है। ऊपर से अब तक तो माट साब दू पन्ना से उपर लिखा दिए होंगे। और इ नबका पेन के चक्कर में पन्ना फट गया लेकिन अभी तक 'जय मां सरस्वती' भी नहीं लिखाया है।
कोई एक्स्ट्रा पेन भी नहीं लाता है आजकल, अभी किसी से पेन मांगते देख लिए तो माट साब भी गोस्सा जाएंगे। क्या करें, फिर सोचे कि कहीं गोज के देखते हैं। रफ वाला कोपी भी नहीं लाए थे जिसमें गोज के देखें। फेयर कोपी के ही लास्ट वाला पेज उल्टा के गोजना शुरू किए। पांच मिनट गोजने के बाद भी धुक धुक करके चलना शुरू हुआ , लेकिन तब तक मास्टर साब बहुत लिखा चुके थे। क्लास तो छूटबे किया , नया फेयर कॉपी का दू पन्ना भी खराब हुआ।
क्लास के बाद सब बोला कि इतना ठंढे पड़ रहा है कि कलम क्या भेजा तक जम जाता है। वैसे रेनॉल्ड्स का जेटर पेन ले लोगे तो ई सब झंझट नय रहेगा। हम बोले कि नय भाय, जेटर वाला पेन पैक होके आता है। उसको जगा के भी नय देख सकते हैं, इसलिए हम तो वापस से लिखो-फेंको ही लेंगे। जमियो गया तो साला लैंप पर बरका के चला लेंगे लेकिन रोटोमैक और जेटर जैसा कलम कीन के पैसा और कोपी दोनों का बर्बादी नय करेंगे।