पलंग के नीचे जूट के बोरे पर
सजी हैं कच्चे आमों की लड़ियां,
बस पकने ही वाली हैं
और फिर आम के पकते ही शुरू हो जाएगा
वो ही मध्यम वर्ग का यक्ष प्रश्न!!
कौन सा वाला आम पहले खाऊं?
वो वाला जो थोड़ा ज्यादा पक गया है
पिलपिला सा हो गया है ,
और कल तक खराब हो जायेगा।
या वो वाला जो आज ठीक है लेकिन
कल पिलपिला हो जायेगा।
उभर आयेंगे उसके छिलके पर काले दाग।
आज में जियूं और भोग लूं सब कुछ जी भर आज ही
या कर लूं थोड़ा सा सबर
बचा कर रखूं कल के लिए ।
खुश हो लूं आज या टाल दूं
अपनी खुशियां कल के लिए।
पकते आमों की लड़ियां
दिखा रही हैं आईना मुझे
कि मिडिल क्लास हूं मैं।
जीता हूं कल के लिए
आज की कीमत पर।
करता हूं पुण्य आज कि कल किसी और
दुनिया में स्वर्ग मिलेगा,
जबकि स्वर्ग आज मेरे सामने पड़ा है
जो कल तक पिलपिला हो जायेगा।
सामने पड़ा आम बता रहा है कि
कितना आम आदमी हूं मैं।
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