Wednesday, September 21, 2022

राजू भईया के लिए।

गजोधर भैया,
हंसाते हंसाते अचानक से चल दिए। अब कौन सुनाएगा कि बूढ़ा गब्बर का आगे क्या हुआ? क्या सांबा और कालिया अब भी उसको लाफा देते रहते हैं? कौन फिल्म थिएटर में देख कर उसकी कहानी हमको सुनाएगा। बहुत इच्छा थी कि आप लाल सिंह चड्ढा देख कर आते और उसकी कहानी सुनाते। अब यह इच्छा तो पूरी होगी नहीं। जीजा साली वाली कहानी भी आप अधूरी छोड़ गए। जीजू!! एक रसगुल्ला, खाना पड़ेगा!!! कहने वाली साली कहां है आज कल? बहन की शादी करवाने वाले भाई की शादी हुई कि नहीं, यह भी बिना बताए चल दिए। कभी कभी गुस्सा भी आता है कि शायद आप बड़े आदमी बन गए तो हम लोगों की परवाह करना छोड़ दिया। हां कर लो यह पहले, बड़े आदमी हैं करते होंगे। 

राजू भैया, कितनी बातें थी जो तुमसे सुननी थी। कितनी कहानियां थी जो आपको सुनानी थी।

बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।

जहां रहना, हंसते रहना!! हंसाते रहना।।

No comments: