एक कवि का कोमल हृदय रखने वाला जो पोखरण जैसे कठोर निर्णय भी ले सकता है। राजनीति में अजातशत्रु कहलाने वाला एक नेता जो करगिल में घुस आए दुश्मनों को पराजित करने वाला सेनापति बन सकता है। कंधार में पीठ पर घोंपे गए खंजर के बावजूद जो मैत्री का संदेश लेकर लाहौर जा सकता है। चार दशक विपक्ष में बैठने के बाद मिली सत्ता को छल द्वारा एक वोट से छीने जाने पर भी जो बिना चेहरे पर शिकन के झेल सकता है। संयुक्त राष्ट्र में अपनी मातृभाषा में बोलने पर गर्व का अनुभव करने वाला जो दिल्ली मेट्रो की परिकल्पना भी कर सकता है। दो सीट वाली सूक्ष्म पार्टी से शुरुआत करने वाला जो स्वर्णिम चतुर्भुज जैसी दीर्घकालीन और दूरदर्शी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर सकता है। दलगत राजनीति के दौर में भी जो सच में राष्ट्र नेता कहला सकता है। विराम लेकर बोलने वाला जो अपने संगठन और दल के लिये सात दशकों तक अविराम श्रम कर सकता है। धीमी चाल से चलने वाला जो देश को तीव्र आर्थिक विकास दर से आगे ले जा सकता है।
वो जो भी हो वो भारत का अनमोल रत्न है जिसकी कीर्ति ध्रुव तारे की तरह अप्रतिम है, अटल है। अश्रुपूरित श्रद्दांजलि।
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Friday, August 17, 2018
अटल जी को समर्पित
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