आप इसे सम्राट अशोक को श्रद्धांजलि भी मान सकते हैं या सामान्य रूप से किसी मौके पर चार चांद लगाना भी कह सकते हैं। वैसे सम्राट अशोक के स्तंभ शीर्ष पर चार शेर थे और मुहावरे में भी चांद चार होते हैं। आधुनिक युग की इस मास्टर पीस में एक चांद और एक शेर कम है। टी ट्वेंटी का ज़माना है जहां 223 रन भी कम पड़ जाते हैं तो चार चांद और चार शेर की क्या बिसात। फिलहाल तो मेरे हृदय के उदगार व्यक्त करने के लिए मेरे शब्द कम पड़ रहे हैं। वैसे चुनाव का समय भी है, सब नेताजी परेशान हैं कि वोट कम पड़ रहे हैं, भीड़ कम आ रही है, गरमी कम नहीं हो रही। प्रशासन परेशान है कि चुनाव का खर्च कम रखना है। वोटर परेशान है कि कम से कम उसको बिजली पानी सड़क मिल जाय लेकिन सड़क पर पानी जमा हुआ कम मिले। कम शब्दों में कहूं तो कम में ही असली सौंदर्य है। कम पानी वाली झील आपको चांदनी रात में नौका विहार का आमंत्रण देती है तो वहीं समंदर रात में भयाक्रांत कर डालता है। यह कम ही है जिसे लेकर विदेशों में प्रेमिकाएं अपने प्रेमियों को कहती हैं कम ऑन बेबी। आरसीबी जैसी टीम का प्रशंसक भी कम ऑन कम ऑन चीखता रहता है। हर डिजिटल इनफ्लुएंसर युट्यूबर यही चाहता है कि उसके हर वीडियो पर भर भर के कमेंट हों। जब से भगवान शिव ने कामदेव को जला डाला है, दुनिया मानो कमदेव ही चला रहे हैं। तभी तो सिंघम चिल्ला चिल्ला कर शिकरे से कहता है कि मेरे में है दम क्योंकि मेरी जरूरत है कम।
जाने दीजिए, यह वाला वीडियो देखिए। वो कहते हैं ना कि खूबसूरती देखने वालों की आंखों में होती है। अपनी आंखों में खूबसूरती की कोई कमी न रखिए, फिर आपको पता चलेगा कि यह आपके आस पास भी दुनिया कोई कम खूबसूरत थोड़े ना है।
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